देश में पहली बार गर्भाशय प्रत्यारोपण, पुणे अस्पताल में बच्ची का हुआ जन्म

पुणे में गर्भाशय प्रत्यारोपण के जरिए एक महिला ने दुर्गापूजा के शुभ अवसर पर एक बेटी को जन्म दिया। यह विश्व में 12 वां बच्चा है जिसने पुणे में जन्म लिया है।

पुणे में जन्म हुई गर्भाशय प्रत्यारोपण के जरिए एक बच्ची (फोटो- स्थानीय स्रोत)
पुणे में जन्म हुई गर्भाशय प्रत्यारोपण के जरिए एक बच्ची (फोटो- स्थानीय स्रोत)
Source : Jansatta

गर्भाशय प्रत्यारोपण के जरिए देश में ही नहीं बल्कि पूरे एशिया में पहले बच्चे का पुणे में जन्म हुआ है। इस ऑपरेशन ने भारत के चिकित्सा क्षेत्र में इतिहास रच दिया है। गर्भ प्रत्यारोपण किए गए देश की पहली महिला ने दशहरे से शुभ मुहूर्त पर एक सुंदर सी कन्या को जन्म दिया है। पुणे के गैलेक्सी केअर हॉस्पिटल में डॉ. शैलेश पुणतांबेकर और उनकी टीम ने इतिहास बना दिया है।

बुधवार रात 12 बजकर 12 मिनट पर सिजेरियन प्रसूती हुई। बच्ची का वजन 1450 ग्राम है। गैलेक्सी केअर हॉस्पिटल के 17 डॉक्टरों की टीम ने भारत में पहला गर्भाशय प्रत्यारोपण किया गया। गुजरात के वडोदरा स्थित 52 वर्षीय महिला ने अपनी बेटी को गर्भाशय दान किया था। पिछले सात महीनों से महिला का डॉक्टरों की निगरानी की उपचार शुरू था।

गर्भवती महिला का बीपी बढ़ने की वजह से सिजेरियन द्वारा प्रसूती करना पड़ा। मां और बच्ची दोनों ही सुरक्षित हैं। प्रत्यारोपण के जरिए जन्म लेनेवाली यह देश की पहली बच्ची है। विश्व में अबतक गर्भाशय प्रत्यारोपण के जरिए 11 बच्चों ने जन्म लिया है। यह विश्व में 12 वां बच्चा है जिसने पुणे में जन्म लिया है।

उम्र के 55 पड़ाव तक गर्भाशय दान कर सकते हैं। लेकिन 52 वर्ष में गर्भाशय दान करनेवाली इस महिला की रजोनिवृत्ती हो चुकी थी। इसलिए उनका गर्भाशय व्यवस्थित कार्य कर रहा है या नहीं इसकी जांच के लिए दवा देकर पीरियड्स शुरू किया गया था। इससे यह पता चला कि गर्भाशय कार्य कर रहा है। उसके बाद गर्भाशय दान करने का निर्णय लिया गया था। ऐसा डॉ. पुणतांबेकर ने बताया।

Le professeur Jean Marc Ayoubi est celui qui a permis la première transplantation utérine française.

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